OBJECTIVES:
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भाषा के अलग-अलग भूमिकाओं को जानना। भाषा सीखने की सृजनात्मक प्रक्रिया को समझना। भाषा के स्वरूप और व्यवस्था को समझना।
स्कूल की भाषा, बच्चों की भाषा और समझ के संबंध को जानना।
भाषा के संदर्भ में पढ़ने के अधिकार षांति और पर्यावर ा के प्रति सचेत होना। भाषा सीखने के तरीके और प्रक्रिया को जानना और समझना।
पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक का विश्लेश ा कर कक्षा विशेश और बच्चों की समझ के अनुसार ढालना।
भाषा और साहित्य के संबंध को जानना।
हिन्दी भाषा के विविध रूपों और अभिव्यक्त्यिों को जानना। भावों और विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति करना।
भाषायी बारीकियों के प्रति संवदनशील होना। अनुवाद के महत्त्व और भूमिका को जानना। विद्यार्थियों की सृजनात्मक क्षमता को पहचानना।
बच्चों की भाषायी विकास के प्रति समझ बनाना और उसे समुन्नत करने के लिए विद्यालय में तरह-तरह के मौके जुटाना
भाषा के मूल्यांकन की प्रक्रिया को जानना।
साहित्यिक और गैर साहित्यिक मौलिक रचनाओं की समझ और सराहना।
OBJECTIVES:
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To enable the student-teacher to:
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The Course will enable student-teachers to
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After going through this module student-teachers will be able to:
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This course will enable student-teachers to:
This course seeks
भाषा के अलग-अलग भूमिकाओं को जानना। भाषा सीखने की सृजनात्मक प्रक्रिया को समझना। भाषा के स्वरूप और व्यवस्था को समझना।
स्कूल की भाषा, बच्चों की भाषा और समझ के संबंध को जानना।
भाषा के संदर्भ में पढ़ने के अधिकार षांति और पर्यावर ा के प्रति सचेत होना। भाषा सीखने के तरीके और प्रक्रिया को जानना और समझना।
पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक का विश्लेश ा कर कक्षा विशेश और बच्चों की समझ के अनुसार ढालना।
भाषा और साहित्य के संबंध को जानना।
हिन्दी भाषा के विविध रूपों और अभिव्यक्त्यिों को जानना। भावों और विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति करना।
भाषायी बारीकियों के प्रति संवदनशील होना। अनुवाद के महत्त्व और भूमिका को जानना। विद्यार्थियों की सृजनात्मक क्षमता को पहचानना।
बच्चों की भाषायी विकास के प्रति समझ बनाना और उसे समुन्नत करने के लिए विद्यालय में तरह-तरह के मौके जुटाना
भाषा के मूल्यांकन की प्रक्रिया को जानना।
साहित्यिक और गैर साहित्यिक मौलिक रचनाओं की समझ और सराहना।
The course will enable student-teacher to –
To enable the student-teacher to:
The course will enable student-teacher to –
Observing and reflecting on classroom practices, regular teaching, teaching-learning resources developed, records of planned units of study and regular daily diary/journal of reflections, evaluations of learners. Some more important points are written bellow:-